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ऊर्जा के संसाधन [ Resources of Energy in hindi ]-

ऊर्जा के बिना दुनिया किसी भी तत्व की कल्पना नहीं की जा सकती क्योंकि  प्रत्येक सजीव को तो ऊर्जा की जरुरत है ही तथा हमारे अास - पास, विभिन्न साधनों को भी इसकी प्रर्याप्त  जरुरत है।

विश्व में ऊर्जा के दो प्रकार केेे संसाधन है। जो निम्न हैं -

                                                                                     


  • ऊर्जा के परम्परागत संसाधन - ये एेसे संसाधन है जो की अभूतपूर्व समय से प्रयोग किये ज रहे हैं, यह एक सीमित मात्रा में पृथ्वी पर बचे हैं तथा निकट भविष्य मे यह नष्ट हो सकते हैं ।  जैसे - कोयला, गैस, प्रेट्रोलियम ( इत्यादि ) 
  • गैरपरम्परागत ( अक्षय )  ऊर्जा के संसाधन -  ये ऊर्जा के नवीनतम स्त्रोत है, तथा यह कभी नष्ट न होने वाले ऊर्जा के संसाधन है, जो वर्षाें तक बिना किसी क्षय के पृथ्वी को ऊर्जा दे सकते हैं। इसीलिए इसे अक्षय ऊर्जा [renewable energy ] कहते हैं।  जैसे - सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, भूगर्भीय ऊर्जा आदि। 


आइये जानते हैं सक्षिंप्त में इन ऊर्जाअों के बारे में -

कोयला - 


  • कोयला चार प्रकार के होते हैं ।  जो हैं -  एन्थ्रोसाइट, बिटुमिन, लिग्नाइट, पीट,   तथा इनमें से सबसे बेहतरीन कोयला का प्रकार बिटुमिनस होता है। इसमें कार्बन की मात्रा सर्वाधिक होती है। 
  • संसार में सर्वाधिक  लिग्नाइट व पिट कोयला अधिक निकाला जाता है। 
  • दुनिया में प्रमुख कोयला उत्पादक देश - चीन, यू0एस0 ए0, भारत, आस्ट्रेलिया आदि । 
  • भारत में कोयले की प्रमुख खदानें -  झरिया , बोकारो, तालेचर, सभंलपुर आदि
  • भारत में कोयला उत्पादक प्रमुख राज्य - 1. झारखण्ड ( झरिया , बोकारो, राजमहल आदि ) 2. उड़ीसा  3. छत्तीसगढ़ 4. पं0 बंगाल  5. अन्य 
प्राकृतिक गैस - 
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  • प्राकृतिक गैस सामान्य तहः तेल कुअों जहाँ से प्रैट्रोलियम प्रदार्थ निकाले जाते हैं उनके अन्दर जो गैस एकत्र रहती है प्राकृतिक गैस कहलाती है ए0पी0जी0 भी प्राकृतिक गैस है जिसे शोधन के बाद सिलेण्डर में भर कर घरों तक पहुचाया जाता है। - 
  • दुनिया में प्राकृतिक गैस के प्रमुख उत्पादक देश  रुस, यू0एस0ए0, कनाड़ा, ईरान आदि हैं।
  • भारत में प्राकृतिक गैस का सर्वाधिक भण्डार बाम्बे हाई में है तथा गुजरात असम के कुछ हिस्सो में भी प्राकृतिक गैस के भण्डार पाये गये हैं. 

प्रैट्रोलियम पदार्थ - 

  • ऊर्जा के परम्परागत स्त्रोतो में प्रट्रोलियम प्रदार्थों की मुख्य भूमिका है। यह देखने में गाढ़े कीचड़ युक्त द्रव पदार्थ होता है। इसे तेल के कुआों में से निकाला जाता है तथा इसे निकालकर पाइपलाइनों या यातायात के साधनो सें तेल शोधक कारखानों ( रिफाइनरीज ) में भेजा जाता है। जहाँ इसका शोधन किया जाता है। तथा कई उपयोगी तत्व इसमें से निकाले जाते हैं। 
  • भारत में इस समय 21 तेल शोधक कारखाने कार्यरत हैं जिनमें 17 सार्वजनिक क्षेत्र , 3 निजी , व एक संयुक्त क्षेत्र से है। 
  • तेल शोधन प्रकिया के बाद इसमें से, प्रैट्रोल, डीजल, कैरोसीन, जैसे प्रदार्थ  शक्ति के साधन निकाले जाते हैं। 
  • भारत में डिगबोई ( असम ) व बाम्बे हाई ( मुम्बई ) प्रमुख तेल भण्डार वाली जगह है। 
  • भारत की सबसे पहला तेलशोधक कारखाना डिगबोई ( असम )  है। 
  • दुनिया के प्रैट्राेलियम प्रदार्थों में अग्रणीय देश - यू0एस0ए0, सऊदीअरब, कुवैत, ईरान, पूर्व सोवियत संघ आदि हैं। 
  • भारत प्रैट्रोलियम का प्रमुख आयातक देश है। 
  • भारत के प्रमुख तेलशोधक कारखाने निम्ऩ हैं - बाम्बे हाई ( मुम्बई ) , मथुरा ( उ0प्र0 )  बरौनी ( बिहार ) अंकलेश्वर ( गुजरात ) आदि हैं। 
सौरऊर्जा - 
  • सूर्य से प्राप्त ऊर्जा को सौर ऊर्जा कहते हैं। सौर ऊर्जा प्रत्येक दिन दुनिया में उपयोग की जाने वाली ऊर्जा का सबसे अधिक वृध्दि करने वाली ऊर्जा है। इसमें सूर्य किरणों को उत्तल लेन्स आदि से इतना शक्तिशाली बना दिया जाता है जिससे इलेक्ट्रानिक परिपथ कार्य कर सकें। 
  • सौर ऊर्जा से चलने वाली मुख्य वस्तुएें - सौलर कुकर, सौलर वाटर हीटर, सौलर लाईट, सौलर पम्प व सौलर रेफिजरेटर व सौलर विमान आदि हैं। 
  • सौर ऊर्जा का प्रथम प्रयोग ट्रैफ्रिक लाईट के लिए किया गाय था। 
  • ईम्परील -2 सौर ऊर्जा से चालित विश्व का प्रथम वायुयान है। 
  • सौलर ऊर्जा से मैट्रो स्टेशन, एयरपोर्ट आदि भी सुज्जित हो रहे हैं। 
  • भारत में सौर ऊर्जा का सबसे विस्तृत प्लाट गुजरात राज्य में निर्मित हो रहा है। 

पवन ऊर्जा -  

  • पवन ऊर्जा यानि पवन से प्राप्त ऊर्जा से है। पवन ऊर्जा एेसे स्थानों पर ही प्राप्त की जा सकती है। जहाँ वर्ष भर एक समान वायु ( पवन ) प्रवाह होता है जैसे - भारत में गुजरात व कर्नाटक के हिस्से । 
  • भारत की ऊर्जा शक्ति में 12%  हिस्सा पवन ऊर्जा  द्वारा प्राप्त ऊर्जा का है। 
  • भारत में पवन ऊर्जा केवल गुजरात व कर्नाटक राज्य में ही सम्भव है क्योंकि यहाँ पूरे वर्ष में समान वायु प्रवाहित होती है। 
  • पवन ऊर्जा पवन चक्की नामक मशीन द्वारा प्राप्त की जाती है। जोकि इस्पात की एक बड़े खम्बे पर इस्टाल रहती है जिसमें  तीन पंखुडियाँ लगी रहती है।
  • दुनिया में सर्वाधिक पवन ऊर्जा का उत्पादन  वाले राष्ट्र चीन, यू0एस0ए0, जर्मनी, भारत , स्पेन, फ्रान्स   हैं। 

परमाणु ऊर्जा या नाभिकीय ऊर्जा - 

  • परमाणु ऊर्जा स्त्रोतो से प्राप्त की जाने वाली ऊर्जा है। यह रेडियोएक्टिव प्रदार्थेा से युक्त जैसे यूरेनियम , थोरियम, प्लूटोनियम आदि प्रदार्थो से प्राप्त की जाती है। 
  •  भारत की  उत्पादित ऊर्जा का 4 प्रतिशत हिस्सा परमाणु ऊर्जा  से आता है ।
  • भारत के प्रमुख परमाणु ऊर्जा केन्द्र - तारापुर ( महाराष्ट्र ), नरौरा ( उ0प्र0 ), रावतभाटा ( कोटा ), कलपक्कम ( चेन्नई ), कैगा ( कर्नाटक ), काकरपाड़ा ( गुजरात ) देश के प्रमुख परमाणु ऊर्जा केन्द्र हैं। 
पन विघुत या जलविघुत  - 

  • इस में पानी को डैम या बाँध से रोक कर एक हाई प्रेशर से टरबाईन पर डाला जाता है पानी के अधिक प्रेशर से टरबाईन घूमने लगता है। तथा स्थिर विधुत प्राप्त होती है । 
  • भारत की कुल ऊर्जा की करीब 22 से 23 प्रतिशत  ऊर्जा पन विधुत या जल विधुत से प्राप्त होती है। 
  • भारत में  करीब 550 लाख किलाेवाट विघुत का उत्पादन जल विघुत से होता है। 
  • जल विघुत उत्पादन में प्रमुख राज्य -  महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, उत्तराखण्ड,  आदि 
ज्वारीय या महासागरीय ऊर्जा - 

ज्वारीय ऊर्जा का निर्माण सागरीय तंरगो यानि लहरों से होता है। यह भविष्य की एक मजबूत ऊर्जा है। 

भूगर्भीय ऊर्जा - 
पृथ्वी के भूतल से प्राप्त ऊर्जा को भूगर्भीय ऊर्जा कहते  हैं। 

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