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देशान्तर व अंक्षाश  [Latitude and Longitude]
हमारी पृथ्वी का आकार बेहद विस्तृत है। इसका अन्दाजा सही सही लोकेशन में लगाना मुश्किल है।
लेकिन इसका साँल्यूशन है देशान्तर व अंक्षाश

दोस्तो आपने कभी मैप, ग्लोब, या एटलस तो जरुर देखा होगा - क्या आपने कभी गौर से उसमें हाेरिजैंटल (खीचीं हुई काल्पिनिक रेखायें ) और वर्टिकल लाइने देखी हौगीं जो पूरे मैप में फैली रहती हैं


जो लाइन वर्टिकल होती हैं उन्हें देशान्तर तथा जो रेखा हारिजैटल वह अंक्षाश को दर्शाती हैं।


क्यों जरुरी हैं अंक्षाश व देशान्तर –


अगर आपको कोई मैप या ग्लोब में फिजी दीप को ढूढने को कहे तो आप उसे ढूँढ तो लेगें लेकिन हो सकता है आपको काफी समय लग जाये लेकिन हम .ये कहे कि फलाने अक्षांश पर तथा फलने देशांतर पर कौन सा देश स्थित है आप छुटकीयों में ये बता पाइयें कि वहाँ क्या हैं क्या नहीं यानि कि अंक्षाश व देंशानतर पृथ्वी की लौकेशऩ को बताते हैं देशान्तर पृथ्वी को वर्टिकल ( खड़ी लाइनों में  )  भागो में बांटता है । जिससे हमे समय का भी पता चलता है दो देशान्तर के मिनट का अन्तर होता है जिससे हमे समय का सही सही पता चलता है तथा वही दो अंक्षाशो में 111 किमी0 का अन्तर होता है

जानिए  देशान्तर व अंक्षाश  के बारे में [Latitude and latitude in hindi  ]

जानिए  देशान्तर व अंक्षाश  के बारे में [Latitude and Longitude in hindi  ]




अंक्षाश व देशान्तर के बारे में और भी [About Of Latitude and latitude More info ]–


कैसे हमारी घड़ी का एक सम्बध होता है GMT  से -

जी हाँ कई बार अापने सुना होगा  ग्रीनविच मैन टाइम यानि GMT   के बारे में , ग्रीनविच शहर ब्रिटेन में स्थित है तथा उसके एक प्रमुख स्थान को अन्तराष्ट्रीय टाइम का मानक माना गया है तथा हम इसे 0 डिग्री देशान्तर भी कहते तथा ग्रीनविच से पूर्व की ओर जितने देश हैं उनका समय GMT से आगे ( +  )तथा ग्रीनविच के पश्चिमी देशों का टाइम ग्रीनविच के मानक समय से पीछे यानि बाद ( - ). में चलता है इसमें भी सूर्य की प्रमुख भुमिका है जैसे की जापान सबसे पूर्व में है इसलिए इसे सूर्योदय का देश भी कहा जाता है यानि की जापान की घड़ी का समय संसार में सर्वाधिक आगे होता है तथा यह जीमटी से ⁺ 9 घंटे  आगे तथा हमारे भारत व  ब्रिटेन के समय में + 5.30 घन्टे का अन्तर है इसलिए हमारे यहाँ सुबह ब्रिटन से 5.30    घन्टे ज्यादा जल्दी होती है तथा हम अमेरिका व मैस्कसिको से 12 घन्टे आगे चलते हैं यानि जब हमारे यहाँ दोपहर 12.00 बजे का वक्त होता है उसी समय अमेरिका व मैक्सिको में रात के 12.00 बजे होते हैं । तथा हमारे देश में भी सबसे पहले दिन सबसे पूर्वाेत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश ( इसके नाम से ही जाहिर हो जाता है अरुण यानि सूर्य ) में ही होता है तथा प्रत्येक देश में अपने टाइम को मैनेज करने के लिए टाइम जोन्स की स्थापना की गई है भारत का टाइम जोन IST ( Indian Standard Time  )  भारतीय मानक समय जिसें 82.5 डिग्री0  देशान्तर इलाहाबाद स्थित नैनी नामक स्थान से लिया गया है तथा  पूरी दुनिया में सर्वाधिक टाइम जाेन रुस ( 11 टाइम जोन ) तथा  फ्रांस ( पूरी दुनिया में फ्राँस के सभी दीपों को जोड़कर सर्वाधिक 12 टाइम जोन ) हैं।

क्या है अन्तराष्ट्रीय तिथि रेखा यानि 180 डिग्री देशान्तर - 

अन्तराष्ट्रीय तिथि रेखा यानि की  दिनांक   को बदलने बाली रेखा । जैसा कि हम जानते हैं कि हमारी पृथ्वी 24 घन्टे मेें अपना चक्कर पूरा करती है तथा हमारी पृथ्वी हर वक्त आधे हिस्से में दिन तथा दूसरे आधे हिस्से में रात्रि होती है तथा जैसा कि हम जान चुके हैं कि GMT के पूर्व की हम + 12.00 घन्टे आगे तथा  GMT  से पश्चिम में  - 12.00 घन्टे पीछे जाए तो हम पाते हैं 12 घन्टे +  12 घन्टे यानि कुल 24 घन्टे यानि हमारी पृथ्वी के घूर्णन समय के बराबर या एक सम्पूर्ण दिवस ( दिन व रात दोनों मिलाकर ) तथा हम अब यह ज्ञात करें की जब हम से दोनो ओर 12 घन्टे पुर्व व पश्चिम की तरफ जायेगें तो हम दोनो तरफ 180 +  180 यानि कुल 360 देशान्तर होते हैं तथा हम जानते हैं कि हमारी पृथ्वी पर 360 अधिक न तो देशान्तर खीचे जा सकते ना अक्षांश यानि कि हमारी 180 काल्पनिक रेखा मात्र तिथि काे बदल देती है वैसे 180 देशान्तर के दोनो तरफ एक ही समय रहता है लेकिन हम इस 24 घन्टे के फर्क में देखते हैं जैसे की फिजी दीप पर एक नाविक नाव से 180 देशान्तर को पार कर पनामा की तरफ जा रहा है तो वहाँ का जो दिन है वह वक्त तो वही रहेगा लेकिन हम   उसके  दिनांक में एक दिन का अतंर दर्शायेगे जैसे कि वह 24-11-2017 को सुबह 10.00 बजे बिल्कुल 180 देशान्तर के पश्चिम  की तरफ है तथा उसे पार कर पूर्व की ओर बढ रहा है तो वह सुबह के 10.00 बजे ही अन्तराष्ट्रीय तिथि रेखा को पार दूसरी तरफ 23-11-2017 दिनांक को 10.00 बजे उस तरफ मौजूद माना जायेगा।
अन्तराष्ट्रीय तिथि रेखा कई दीप व दीप समुहो को काट कर आगे बढ रही है इसलिए कई जोन्स को सुचारु रुप से कार्य करने हेेतु  इसे बार बार टेढी - मेढी [zig-zag ] किया गया है।

0 डिग्री अंक्षाश भूमध्य रेखा या विषुवत रेखा ) 
 यह काल्पिनिक रेखा पृथ्वी को बिल्कुल बीच से काटती हैं इसलिए इसे 0 डिग्री अक्षाश माना जाता है इस क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति भी काफी भिन्न है यहाँ साल के बारह महीने भयंकर तेज गर्मी पड़ती है तथा तापमान 50 डिग्री सेल्सियस के भी पार पहुच जाता है। अब तक का सबसे अधिक तापमान आदिब आबासा का 57 डिग्री सेल्सियस सन् 2002 में रिकार्ड किया गया हैं इस क्षेत्र में लोग अत्याधिक काले पाये जाते हैं अफ्रीका महादीप का ज्यादातर हिस्सा भूमध्य रेखीय प्रेदश में ही पड़ता है। इन लोगो के लिए केवल रात ही सुकुन की होती हैं क्योंकि बस रात ही है जब तापमान नीचे आ पाता है। तथा इन क्षेत्रो में भारी गर्मी तथा बर्षा भी खूब होती हैं तथा यहाँ पर संसार के सर्वाधिक घने जंगल भी पाये जाते हैं तथा विभिन्न प्रकार के जीव जन्तु भी मिलते हैं । अफ्रीका महादीप के कांगो व जायरे घने वनो वाले देश हैं तथा इन्डोनेशिया व मलेशिया में भी घने जंगल पाये जाते हैं। तथा दक्षिण अमेरिकी महादीप के ब्राजील तथा बोलिबिया हिस्से भी पड़ते हैं।

यहाँ पाये जाने वाले जीव जन्तू - यहाँ जिराफ, हाथी ( अफ्रीकी ) , जंगली भैसे , विल्डर विस्ट, जेगुआर( बिल्ली की दक्षिण अमेरिकी महादीप में पायी जाने वाली एक प्रजाति ) , जेब्रा ( अफ्रीका महादेश में घोडें की जंगली प्रजाति ), अफ्रीकी शेर , सील लाईन्स , चिपैन्जी ( बन्दर की सबसे लचीली प्रजाति का बन्दर ), मकडा मन्दर, आदि हैं

और भी जाने ..........
कर्क रेखा - यह उत्तरी गोलार्ध्द में 23½   डिग्री अक्षांश पर एक काल्पनिक रेखा है तथा कर्क रेखा पर उष्णकटिबधिंय क्षेत्र पाया जाता है यहा साल में सर्दी व गर्मी खूब पड़ती है तथा इसके उत्तरी भागों सर्दी अधिक पड़ती है तथा दक्षिणी भागों गर्मी अधिक पड़ती है मई व जून सबसे अधिक ग्रीष्म काल रहता है तथा दिसम्बर व जनवरी में अधिक ठन्डं पड़ती है।
मकर रेखा -  यह दक्षिणी गोलार्ध्द में 23½ डिग्री अक्षांश पर एक काल्पनिक रेखा है तथा इस के आस पास भी वही परिस्थियाँ रहती हैं जैसी कि कर्क रेखा के आस- पास पाई जाती हैं। यहा साल में दोनो मौसम सर्दी व गर्मी रहते हैं तथा दिसम्बर व जनवरी में खूब गर्मी तथा मई व जून के महीनें में सर्दी का मौसम रहता है। जिससे यहाँ की जलवायु उष्णकटिबन्धीय है।


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