जन्म -
अटल बिहारी पाजपेयी का जन्म 24 दिसम्बर 1924 को ब्रह्ममुहूर्त मे हुआ था। इनके पिताजी उत्तर प्रदेश मे आगरा जनपद के प्राचीन बटेश्वर के मूल निवासी थे। अटल बिहारी जी के पिताजी का नाम पण्डित कृष्ण बिहारी वाजपेयी था तथा माता का नाम कृष्णा बिहारी वाजपेयी था। अटल जी के पिताजी मध्यप्रदेश के ग्वालियर रियासत में अध्यापक थे तथा अध्यापक के साथ - साथ वो हिन्दी व ब्रजभाषा के महान कवि थे। अटल बिहारी जी में काव्य का गुण वंशानुगत प्राप्त हुए थे।
शिक्षा-
अटल बिहारी जी की बी0ए0 की शिक्षा ग्वालियर के विक्टोरिया कालेज ( लक्ष्मीबाई काँलेज वर्तमान में ) में हुई कानपुर के डी0ए0वी0 काँलेज से एम0ए0 राजनीतिशास्त्र से परीक्षा प्रथम श्रेणी उत्तीर्ण की। छात्र जीवन से ही वे राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के स्वंय सेवक बने और वाद -विवाद की प्रतियोगिताओं में भाग लेते रहें। कानपुर में एल0एल0बी0 की पढाई की लेकिन उसे बीच में ही विराम देकर पूरी निष्ठा से संघ के कार्य में जुट गये।राजनेतिक जीवन -
सन् 1968 से 1973 तक वह भारतीय जनसंघ की राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके थे। 1955 में पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा लेकिन असफलता ही हाथ लगी। लेकिन अटल जी ने हार नहीं मानी और 1957 में बलरामपुर जिला गोण्डा उत्तर प्रदेश से प्रत्याशित के रुप में विजयी हुए और लोकसभा में पहुँचे । मोरारजी देसाई की सरकार में सन् 1977 से 1979 तक विदेश मंत्री रहे और विदेशोॆ में भारत की छवि बनाई। दो बार राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए । अटल बिहारी वाजपेयी ने सन् 1997 में प्रधानमंत्री के रुप में देश की बागडोर अपने हाथ में ली। 19 अप्रैल 1998 में फिर से प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और 13 दलों की गठबन्धन सरकार नें पाँच वर्षाे देश में प्रवृति के नए नए आयाम देखने को मिले। अटल बिहारी वाजपेयी ने नवाज शरीफ से मुलाकात की और आपसी सम्बधों को सुधारने की पहल की । 19 फरवरी 1999 को सदा- ए- सरहद नाम से दिल्ली से लाहौर तक बस सेवा शुरु की।अटल बिहारी बाजपेयी के प्रमुख कार्य -
- राष्ट्रीय राजमार्गो एंव हवाई अड्डो का विकास
- राष्ट्रीय सुरक्षा समिति, व्यापार एंव उघोग समिति की गठित की।
- सरकारी खर्च पर रोजा इफ्तार शुरु किया ।
- उडीसा के सर्वाधिक गरीब क्षेत्र के लिए सात सूत्रीय गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम शुरु किया।
- सौ साल से ज्यादा पुराना कावेरी जल विवाद को सुलझाया।
कवित्व जीवन -
अटल बिहारी एक महान कवि व रचनाकार भी थे। वे अच्छे राजनितिज्ञ होने के साथ -साथ रसास्वाद का भी गुण था। अटल बिहारी ब्रजभाषा और खड़ी बोली में काव्य रचना करते थें। अटल जी सर्वप्रथम ताजमहल थी विख्यात गजल गायक जगजीत सिंह ने अटल जी की कुछ कविताओं का संग्रहबृध्द करके एक एल्बम भी निकाला था अटल जी की रचनाँँए प्रमुख हैं -- कैदी कविराय की कुण्डलियाँ
- संसद में तीन दशक
- राजनीति की रपटीली राहें
- मेरी इक्यावन कविताएं
- कुछ लेख - कुछ भाषण
- मृत्यु या हत्या
पुरुस्कार -
- पद्म विभूषण - 1992
- डी लिट ( कानपुर विश्वविध्यालय ) - 1993
- लोकमान्य तिलक पुरस्कार - 1994
- पंडित गोविदं वल्लभ पंत पुरस्कार - 1994
- फ्रेडस आँफ बांग्लादेश लिवरेशन वार अवाँर्ड -2015
- भारत रत्न से सम्मानित - 2015
टिप्पणी -
अटल बिहारी जी कविताओं की नपी-तुली वेबाक टिप्पणी करने कभी नहीं चूके
" भारत को लेकर मेरी एक दृष्टी है, एेसा भारत जो भूख भय निरक्षरता और अभाव से मुक्त हो। "
मृत्यु -
अटल बिहारी वाजपेयी जी ने स्वास्थ खराब रहने के कारण उन्होने सक्रिय राजनीति से सन् 2005 में सन्यास ले लिया। तथा 2009 में दिल का दौरा पड़ा था। जिसके बाद वह पूरी तरह से ठीक नहीं हुए थे तथा उनको बोल ने में भी दिक्कत होने लगी थी। तथा 16 अगस्त 2018 को इस महानायक की मृत्यु नाजुक हालत में हो गयी। अगले दिन 17 अगस्त 2018 को दिल्ली में मन्त्रोच्चारण के साथ इनकी दत्तक पुत्री ने दाह संस्कार किया ।
एक टिप्पणी भेजें